Monday, December 31, 2018

भारत में हमला करने आ रहे थे पाक की बॉर्डर एक्शन टीम के घुसपैठिए, सेना ने 2 को मार गिराया

भारतीय सेना ने नौगाम सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। घटना रविवार की है। कई घुसपैठिए एलओसी से सटे घने जंगल का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान पाकिस्तानी पोस्ट से इन्हें हैवी कवर फायरिंग दी गई। भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया और दो को मार गिराया। सेना ने कहा कि ये घुसपैठिए नियंत्रण रेखा पार कर भारत में बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे।

बरामद सामान पर पाक की मार्किंग
भारतीय सेना के अफसरों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि मारे गए घुसपैठिए पाकिस्तानी आर्मी की यूनिफॉर्म पहने थे। जो सामान बरामद हुआ है, उन पर पाकिस्तान की मार्किंग है। इसके अलावा कुछ घुसपैठिए बीएसएफ और इंडियन एयरफोर्स की वर्दी पहने देखे गए।

सेना के मुताबिक- घुसपैठियों की तैयारी को देखकर लगता है कि वे बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे। घुसपैठियों के शव को वापस देने के लिए पाक सेना से संपर्क साधा जाएगा। मारे गए दोनों लोग पाकिस्तानी सैनिकों की तरह लग रहे थे।

सेना ने बताया कि हालात का जायजा लेने के लिए हमारे जवानों ने घने जंगलों में लंबा सर्च ऑपरेशन भी चलाया। इन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तानी सैनिकों की तरह दिखने वाले दो घुसपैठिए की बॉडी मिली। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए।

क्या है बीएटी?
पाकिस्तान की बीएटी के बारे में सबसे पहले अगस्त 2013 में पता लगा था। तब इसने एलओसी पर पेट्रोलिंग कर रही भारतीय सेना की टुकड़ी को निशाना बनाया था। 

बीएटी हकीकत में पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स से लिए गए सैनिकों का ग्रुप है। इसमें सैनिकों जैसी ट्रेनिंग पाए आतंकी भी हैं। इन्हें एलओसी में 1 से 3 किलोमीटर तक अंदर घुसकर हमला करने के लिए तैयार किया गया है।
बीएटी को स्पेशल सर्विस ग्रुप यानी एसएसजी ने तैयार किया है। यह पूरी प्लानिंग के साथ अटैक करती है। ये टीम पहले खुफिया तौर पर ऑपरेशनों को अंजाम देती थी, लेकिन बाद में मीडिया की वजह से खबरों में रहने लगी।

बुथानिया ने कहा, "वह 25 अगस्त 2017 की रात थी। उसमें मेरे अंकल की भी मौत हुई। वे मुझे सबसे ज्यादा पसंद थे।" उस हमले में बुथानिया के परिजन के अलावा आठ अन्य लोगों की भी मौत हुई थी। इसमें दो बच्चे भी थे। सऊदी अरब ने इसे "तकनीकी गलती" बताते हुए हवाई हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गई।

हुती विद्रोहियों का कहना है कि बुथानिया की तस्वीर वायरल होने के बाद उसे परिजन के साथ किडनैप कर लिया गया था। रियाद जाने से पहले इन सबको सरकार के सामने ले जाया गया। सऊदी मीडिया के मुताबिक, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार के अनुरोध पर सऊदी अरब की राजधानी ले जाया गया

हुती विद्रोही देंगे घर और वेतन
हुती के अल-मसीरा मीडिया आउटलेट ने बुथानिया के स्वागत में एक कहानी छापा। इसका शीर्षक "सऊदी अरब का चंगुल" दिया। एक शीर्षक में लिखा था, "मानवता की आंख दुश्मन को उजागर करती है।" विद्रोहियों के मुखिया महदी अल-मश्त ने बुथानिया और उसके संबंधियों के लिए घर और वेतन की घोषणा की है।

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